लेखनी कहानी -#१५ पार्ट सीरीज चैलेंज पार्ट -7
#15 पार्ट सीरीज चैलेंज
*महादेव शिव शंकर की कथाओं में निहित ज्ञान और प्रामाणिकता*
पार्ट -7
*सती और शिव*
सती और महादेव शिव का सभी देवताओं, ऋषियों द्वारा विधिवत विवाह करवाया गया!
विवाहोपरांत महादेव ने सती से पूछा -" अब तो खुश हो ना सती ? "
" हां बहुत खुश "
" तो बोलो अब क्या चाहती हो ?"
" सच कहूं तो आपको पाने के बाद अब कुछ भी प्राप्त करने की इच्छा नहीं! सब इच्छाऐं जैसे पूर्ण हो गई! "
महादेव ने एक प्यार भरी गहरी निगाह सती पर डाली और एक मनमोहक मुस्कान उनके होंठों पर मचल उठी !
सती और महादेव का जीवन बेहद प्रेम पूर्ण तरीके से बीत रहा था !
विवाह के पश्चात महादेव ने ऋषि अथर्व और अंगीरा के साथ मिल कर चौथे वेद 'अथर्व वेद ' की रचना करवाई !
सती को दस महाविद्याओं का ज्ञान दिया !
सती के बहनोई चंद्रमा को दक्ष के श्राप से मुक्ति दिलाई और अपने मस्तक पर धारण कर मान दिलाया !
सती की बहनों रोहिणी और केतकी दोनों को पति चंद्रमा का प्रेम समान प्राप्त हो इसके लिए शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष बनाए जिससे चांद १५ दिन घटता और १५ दिन बढ़ता था !
चंद्रमा ने शिव का आभार व्यक्त करने के लिए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना करवाई !
सरस्वती को आशीष दिया कि उसका संगम गंगा और यमुना से होगा और उस संगम को लोग त्रिवेणी संगम के नाम से जानेंगे !
इसी प्रकार सुन्दर दिन बीत रहे थे! एक दिन महादेव ने सती को बताया कि आज से एक युग बाद त्रेता युग में *राम* का जन्म होगा जो विष्णु के अवतार होंगे! वे अद्वितीय होंगे ! विष्णु तो मेरे प्रिय हैं ही पर राम मेरे अराध्य हैं ! सती को विश्वास नहीं हुआ वो बोली मैं उनको देखना चाहती हूं !
तब महादेव ने सती को तीनों काल देखने की और उनमें जाने की शक्ति प्रदान की !
एक बार महादेव और सती कैलाश पर बैठे थे कि
उन्होंने देखा कि आकाश मार्ग से देवता सपत्नीक कहीं जा रहे हैं!
विष्णु लक्ष्मी और नारद महादेव सती को देख प्रणाम कर नीचे आकर बोले -" अरे ! आप लोग नहीं चल रहे ? "
तब सती ने कौतुहल से पूछा -" क्या कोई भव्य उत्सव या आयोजन है ? आप सब कहां जा रहे हैं? "
" आपके पिता राजा दक्ष ने राजसूय य यज्ञ का आयोजन किया है , क्या आपको नहीं मालूम? "
" मेरे पिता ने ?"
वह खुशी से महादेव की ओर घूम कर बोली -" फिर तो हमें भी चलना चाहिए "
महादेव बोले -" नहीं सती , उन्होंने हमें आमंत्रित नहीं किया है। जहां कोई ना बुलाए वहां नहीं जाना चाहिए! "
" पर वो कोई नहीं मेरे पिताजी हैं "
" सती , अब तुम विवाहित हो और विवाह के बाद अब यह तुम्हारा घर है ! "
" पर वो अब भी मेरे पिता हैं वहां तो मैं बिना बुलाए जा सकती हूं ना "
" सती मैं बिना आमंत्रित किए नहीं जाऊंगा और तुमको भी यही कहूंगा कि बिना निमंत्रण के जाना ठीक नहीं है ! "
" पर स्वामी मैं जाना चाहती हूं! "
" मेरी बात मानो तो मत जाओ सती , वहां तुम्हारा अपमान होगा !"
" मेरा अपमान क्यों होगा ? मेरे पिता का घर है , सब मुझे देखकर बहुत खुश होंगे !"
" अवश्य खुश होते अगर निमंत्रण दिया होता ! परन्तु निमंत्रण नहीं देने का अर्थ है वे हमें बुलाना नहीं चाहते !"
" पर नाथ मैं जाना चाहती हूं! "
" ठीक है सती , जब जिद कर जा ही रही हो तो नंदी को साथ ले जाओ , अकेली मत जाओ! "
" ठीक है , चलो नंदी !"
" चलिए माता !"
सती महल में पहुंची ! इतना भव्य उत्सव, वहां पर चारों तरफ ढोल नगाड़े , सुन्दर आकर्षक वस्त्रों से सुसज्जित नर नारी, देवी देवता, उसके अपने रिश्ते दार , भाई बहनें , बहनोई , माता पिता, घोड़े हाथी , भव्य पांडाल ,आयोजन सब देख सती खुशी से मुग्ध हो रही थी! द्वार से अंदर जाने को पैर बढ़ाया ही था कि द्वारपाल ने रोक दिया _" रूको , आप अंदर नहीं जा सकती! "
*ज्ञान* :- पति पत्नी एक दूसरे के पूरक होते हैं!
सच्चा प्यार जीवन की सबसे बड़ी दौलत है!
अथाह प्रेम में ही जिंदगी का सच्चा आनंद और सुख है!
धन दौलत से नहीं सच्चा सुख मन से होता है।
२)बिना बुलाए कहीं भी नहीं जाना चाहिए!
*प्रामाणिकता* :- चारों वेदों में प्रथम तीन वेदों को शिव ने ब्रह्मा को समझाया फिर ब्रह्मा के पुत्रों (सप्त ऋषियों ) द्वारा उनकी रचना हुई! चौथे वेद अथर्व वेद को महादेव ने अंगीरा ऋषि को समझाया फिर अंगीरा ऋषि ने ऋषि अथर्व से लिखवाया !
२) चन्द्रमा को श्राप मुक्त कर शीश पर धारण किया था वो चन्द्रमा महादेव के सिर पर मूर्ति व तस्वीरों में दिखाई देता है!
३) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात में स्थित है जिसे चंद्र देव ने बनवाया था!
४) हिंदू सनातन पंचांग में शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दिखाए जाते हैं जिससे पूर्णिमा और अमावस्या होती है।
५) कहते हैं कि वाल्मिकि रामायण ऋषि वाल्मिकि ने राम जन्म के पहले ही लिख दी थी !
५) तीनों नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती का त्रिवेणी संगम इलाहबाद में है।
हर हर महादेव 🔱
अपर्णा गौरी
Alka jain
27-Jun-2023 07:41 PM
Nice 👍🏼
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डॉ. रामबली मिश्र
08-Jun-2023 07:05 PM
हर हर महादेव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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